बदले में तुमको
दुआ के सिवा कुछ भी
दे नहीं सकते
उनका भला मत करो
जिनसे उम्मीद है तुमको ,
वो स्वार्थवश लिपटे हैं तुमसे
वो कुछ कर नहीं सकते
क्योंकि इनका भला करके
तुम खुद का नुकसान करते हो
ये एहसान फारमोश हैं
ये किसी के हो नहीं सकते
ये fraud और scammers
से भरी दुनिया है साहेब,
ज़रा बच के चलिएगा
ये अपने किये पे
अफ़सोस भी नहीं करते
बंद तिजोरियों में जितने
चाहे लॉक लगाओ
ये हैकर्स है दिलों के
इन्हे कोई पासवर्ड
रोक नहीं सकते
ले कर हाय किसी की
तुम कहा जाओगे
अपने कर्मो का हिसाब
यही पर चुकाओगे
किसी पाक दिल के
आँसू भगवान् भी
माफ़ नहीं करते
अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"
Hindi inspirational poetry on Betrayal
Reviewed by Archana7p
on
November 30, 2019
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