प्रेम में क्षमा पर हिंदी कविता
तुम्हें माफ़ किया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
बस इतना सुकून है
जैसा तुमने किया
वैसा नहीं किया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
हाँ खुद से प्यार करती थी
मैं ज़रूर
पर जितना तुमसे किया
उस से ज़्यादा नहीं
तुम्हारी हर उलझनों को
अपना लिया था मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
तुम्हारी लाचारियाँ मज़बूरियाँ
सब स्वीकार थी मुझको
सिर्फ उस रिश्ते के खातिर
जिस पर अपना सब कुछ
वार दिया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
तुमने जो वादे किये
उन्हें निभाने की झूठी
कोशिश भी नहीं की
हर बार सब्र का इम्तहाँ देकर
अपना प्यार साबित किया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
वो सपने जो हमें
साथ थे पूरे करने
उन्हें आँसुओं में लपेट कर
गंगा में बहा दिया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
जीवन में कभी जो
टकराये हम फिर से
सिर्फ इतना ही पूछूँगी
इन सब से क्या हासिल
किया तुमने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
मैंने अब इस छल को
अपना लिया है
जीवन में आगे बढ़ चली हूँ
खुद को संभाल लिया है
यूँ समझ लो तुम बिन जीना
सीख लिया है मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
जाओ तुम्हें माफ़ किया मैंने
अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"
Tumhein Maaf Kiya Maine Hindi poetry on Forgiveness in love
Reviewed by Archana7p
on
September 14, 2019
Rating:
Man ko chu gayi aapki y kavita... Buhat badiya likhti hain aap
ReplyDeleteDhnyawad
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