Poetry

Hindi Hum tujhse Sharminda Hain Hindi Poetry On Hindi Diwas

 Hindi Poetry On Hindi Diwas


हिंदी दिवस पर हिंदी कविता


हिंदी हम तुझ से शर्मिंदा हैं 



आज कल ओझल हो गयी है हिंदी एसे
महिलाओं के माथे से बिंदी जैसे

कभी जो थोड़ा बहुत कह सुन लेते थे लोग
अब उनकी शान में दाग हो हिंदी जैसे

लगा है चसका जब से लोगों अंगरेजियत अपनाने का
अपने संस्कारों  को दे दी हो तिलांजलि जैसे

अब तो  हाय बाय के पीछे हिंदी मुँह छिपाती है
मात्र भाषा हो के भी लज्जित हो रही हो जैसे

है गौरव हमें बहुत आज एक शक्तिशाली देश होने का
पर अपनी पहचान हिंदी को हमने भूला दिया हो जैसे

आज हिंदी दिवस पर हमें हिंदी याद आयी एसे
हमारे  पूर्वजों को दे रहे हो श्रद्धांजलि जैसे

आज कल ओझल हो गयी है हिंदी एसे... 


अर्चना की रचना  "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"   






Hindi Hum tujhse Sharminda Hain Hindi Poetry On Hindi Diwas  Hindi Hum tujhse Sharminda Hain Hindi Poetry On Hindi Diwas Reviewed by Archana7p on September 13, 2019 Rating: 5

2 comments:

  1. अश्वनी कुमारSeptember 14, 2019 at 4:24 AM

    वाह क्या ख़ूब!

    ReplyDelete

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