अतीत पर हिंदी प्रेरक / प्रेरणादायक कविता
यादों की नयी सुबह
गया वख्त जो अक्सर गुज़रता नहीं तमाम रात थोडा
हँसा कर थोडा रूला कर अपनापन जता गया
जाते जाते कह गया मैं यही हूँ तेरे साथ
फिर कभी
तन्हाइयों में दस्तक दे जाऊंगा
जब कभी तू अकेला
हो तेरे साथ ठहर जाऊंगा
तुझे अपने आज में
जीने का हुनर सीखा जाऊंगा
तू मेरे काँधे पर
सर रख कर रो लेने जी भर
जब सुबह होगी
तुझे नयी उम्मीद दे जाऊंगा
यहाँ तमाम ऐसे भी
है जिनकी किस्मत तुझ जैसी भी नहीं
जो तुझ मिला वो उनकी किस्मत में दूर तक भी नहीं
तुझे हौसला है खुद को सँभालने का
कुछ खुद के लिए
और कुछ दुसरो के लिए कर जाने का
तू हिम्मत बाँध
फिर खड़ा हो अपनी ज़िन्दगी फिर सवारने के लिए
बीती ज़िन्दगी से
सबक ले के एक नयी कहानी लिखने के लिए
गया वख्त मुझे ये
सब सीखा गया
थोडा हँसा कर
थोडा रूला कर अपनापन जता गया
अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"
अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"
Yadon Ki Nayee Subeh Hindi motivational poetry to move on
Reviewed by Archana7p
on
August 27, 2019
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