हिंदी प्रेरणादायक / प्रेरक कविता
ज़िद्दी ज़िन्दगी
ज़िन्दगी मुझ से बस अपनी ही मनवाती है
कभी मेरी सुनती नहीं बस अपनी ही सुनाती है...
कभी जो पूछू सवाल उस से,माँगा करू जवाब
उस से
बस वो धीरे से मुस्कुराती है
ज़िन्दगी मुझ से बस अपनी ही मनवाती है...
कई बार बतलाई अपनी ख्वाहिशे उसको ,
इल्तजा भी की कोई जो पूरी कर दो
वो मेरी अर्ज़ियाँ मुझको ही वापस भिजवाती है
ज़िन्दगी मुझ से बस अपनी ही मनवाती है ...
मुझसे कहती है आज न सही, कल
पूरी कर दूंगी ख्वाहिशे तेरी,तू हौसला न छोड़
बस इसी कल की आरज़ू में, मुझे दो कदम
और अपनी ओर ले जाती है....
ज़िन्दगी मुझ से बस अपनी ही मनवाती है
कभी मेरी सुनती नहीं बस अपनी ही सुनाती है ......
अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"
Ziddi Zindagi Best Hindi motivational poetry
Reviewed by Archana7p
on
August 26, 2019
Rating:
जिंदगी अपनी ही
ReplyDeleteवाह वाह
Deleteधन्यवाद