हिंदी कविता इंतज़ार/प्रतीक्षा पर
मुझे अपने साथ ले चलो
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
इत्र बन कर मेहकती रहूंगी तुम्हारे बदन की खुशबू के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
रुमाल बन कर, तुम्हारे माथे को चूम लूंगी ,जब करनी हो बात
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
घड़ी बन कर, लिपटी रहूंगी तुम्हारी धड़कनों के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
फ़ोन समझ कर, मुझे थामे रखना अपने हाथों के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
चादर बन कर, ओढ़ लेना मुझे किसी ठंड की रात
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
पर्स में लगी फोटो बन कर , देखते रहना मुझे तुम सदा मुस्कराहट के साथ
तुम न आ सको तो मुझे अपने साथ ले चलो
यूँ ही सहेज लिया है, मैंने खुद को सूटकेस में,तुम्हारे सामान के साथ साथ
अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"
Mujhe bhi Apne Sath Le Chalo Hindi romantic poetry On wait
Reviewed by Archana7p
on
September 19, 2019
Rating:
Buhat badiya kavita
ReplyDeletereally, thank you
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