Poetry

Zindagi Ka Shahi Tukda Hindi motivational poetry on life

Hindi motivational poetry on life



जीवन पर हिंदी प्रेरक कविता


ज़िन्दगी का शाही टुकड़ा



ज़िन्दगी मिली जुली धूप छाँव में घुली

कभी नमक ज़्यादा तो चीनी कम
पर शाही टुकड़े सी लगी
दुख ने सुख को पहचाना
इन दोनो का मेल पुराना

क्या राजा क्या रंक के
जिसकी झोली में ये जोड़ी ना मिली

ज़िन्दगी मिली जुली धूप छाँव में घुली

पर शाही टुकड़े सी लगी
जीवन तो है आना जाना
किसने क्या ही संग ले जाना
फिर भी हमें क्यों दूसरो के है पड़ी
ज़िन्दगी मिली जुली धूप छाँव में घुली
पर शाही टुकड़े सी लगी
मैं ज़िन्दा हूँ मुझे आज दो सहारा
बाद मेरे ना मिलेगा मौका ये दोबारा
पूरी उमर जो इसी मलाल मे ढली
ज़िन्दगी मिली जुली धूप छाँव में घुली
पर शाही टुकड़े सी लगी
किसी को गिरा के कोई नज़रो से गिर गया
किसी को उठा के कोई रुतबे मे बढ़ गया
ऊंचाइयों पे जाने की एक होड़ सी लगी
ज़िन्दगी मिली जुली धूप छाँव में घुली
पर शाही टुकड़े सी लगी
माफ़ कर देना उसे जिसने दिल दुखाया हो तेरा
क्योंकि इस जलन और बदले की कभी
कोई सीमा न रही
ज़िन्दगी मिली जुली धूप छाँव में घुली
पर शाही टुकड़े सी लगी
जी लो जितना जीना है क्योंकि जीवन तो एक

सपना है

कल क्या पता जो इस सपने से आँख ही न खुली

ज़िन्दगी मिली जुली धूप छाँव में घुली


कभी नमक ज़्यादा तो चीनी कम

पर शाही टुकड़े सी लगी.....



अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"




Zindagi Ka Shahi Tukda Hindi motivational poetry on life Zindagi Ka Shahi Tukda  Hindi motivational poetry on life Reviewed by Archana7p on August 23, 2019 Rating: 5

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