सच्चे प्यार और विश्वासघात पर हिंदी कविता
आदत
आदतन मोहब्बत नहीं हुई थी मुझको
आदतन उसका यूँ टकरा जाना याद आता रहा
आदतन बेखौफ बढ़ता रहा मैं उसकी ओर
आदतन वो मिलने का दस्तूर निभाता रहा
आदतन मैं रेत पर घर बनाता रहा
आदतन वो मेरा सब्र परखता रहा
आदतन मैं ख्वाब बुनता रहा
आदतन वो उनसे नज़रें चुराता रहा
आदतन उसकी एक दीद को ईद सा बनाया हमने
आदतन वो बादलों में छुपता रहा
आदतन उसकी सोहबत की आदत हो गई
आदतन वो बर्फ सा हाथों से फिसलता रहा
आदतन उसको कई खत भेजे हमने
आदतन वो अपना पता बदलता रहा
आदतन उसका नाम मैंने हथेली में ढूँढा
आदतन वो गलत नाम बताता रहा
आदतन उसके हर झूठ को सच माना हमने
आदतन वो मुझे "बना" लेने के गुमान में जीता रहा
आदतन उसका वख्त ही चाहा था मैंने
आदतन वो अपनी मुफ़लिसी गिनाता रहा
आदतन जब उसको यादों से खुद को छुड़ाने लगे
आदतन उसका यूँ मुकर जाना दिल दुखाता रहा
आदतन उसको हमने रुस्वा न किया
आदतन मैं मोहब्बत की रिवायत निभाता रहा
आदतन वख्त हर घाव भरता रहा
आदतन मैं उसकी खुदगर्ज़ मोहब्बत को माफ़ करता रहा
आदतन मोहब्बत नहीं हुई थी मुझको
आदतन उसका यूँ टकरा जाना याद आता रहा
अर्चना की रचना "सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास"
aadat Hindi Poetry on True love and betrayal
Reviewed by Archana7p
on
September 27, 2019
Rating:
No comments: